
एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) पर एक नज़र
तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) वह प्राकृतिक गैस है जिसे कम तापमान पर तरलीकृत किया गया है ताकि उसे भंडारित और परिवहन करना आसान हो सके। यह गैस मुख्यतः मीथेन (CH4) से बनी होती है, और इसके तरलीकरण की प्रक्रिया में इसे -162 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान गैस के वॉल्यूम में काफी कमी आ जाती है, जिससे इसे तंग स्थानों में अधिक प्रभावी रूप से संग्रहीत और परिवहन किया जा सकता है।
भारत जैसे देशों में, LNG ऊर्जा के बढ़ते मांग को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बन रहा है। देश में ऊर्जा की बढ़ती मांग के बीच, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की तलाश की जा रही है। LNG ने पहले से ही कई पावर प्लांटों में अपनी जगह बना ली है और आगे बढ़ने की संभावनाएँ निरंतर बढ़ रही हैं।
बाहरी स्रोतों से LNG का आयात करना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। कई देश, जैसे कतर, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका, प्रमुख LNG निर्यातक बन चुके हैं। भारत ने इन देशों से अपने LNG आयात को बढ़ाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं। यह LNG टर्मिनल निर्माण के माध्यम से स्थानीय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा और अंततः देश के ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा।
LNG के भंडारण और परिवहन के लिए विशेष प्रकार के टैंकरों का उपयोग किया जाता है। ये टैंकर समुद्र के रास्ते LNG को विभिन्न स्थानों पर पहुँचाते हैं। जब यह भंडारण स्थलों पर पहुँचता है, तो इसे फिर से गैसीय रूप में परिवर्तित किया जाता है और अंततः पाइपलाइनों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है।
LNG के उपयोग के साथ कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं। इसमें शामिल लागत, पाइपलाइन और टर्मिनल का निर्माण, और पर्यावरणीय चिंताएँ शामिल हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद, LNG का लाभ उसकी स्वच्छता और उपयुक्तता में निहित है। वैश्विक स्तर पर, यह ऊर्जा संबंधी नीतियों और विभिन्न देशों के लिए ऊर्जा संतुलन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अंत में, LNG न केवल एक ऊर्जा स्रोत है, बल्कि यह स्थायी विकास और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में एक कदम है। भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण विकल्प बनता जा रहा है, जो ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने और पर्यावरण की सुरक्षा में सहायक हो सकता है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, हमें LNG के उपयोग को और विस्तारित करने के लिए सटीक नीतियाँ और तकनीकी विकास की आवश्यकता है।